राघव की कहानी (हमनीटीएस का छात्र)
राघव इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि कछुआ कैसे दौड़ जीत सकता है। सफलता की कुंजी केवल कड़ी मेहनत नहीं बल्कि निरंतरता भी है। राघव ने ग्यारहवीं कक्षा से ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी । यह मानविकी का छात्र था और एक दिन में अठारह घंटे की पढ़ाई में भरोसा नहीं करता था। नियमितता और जिद़ ही इसका मंत्र था...