कृति की कहानी (सॉफ्टवेयर इंजीनियर)

कृति ने इंजीनियर बनने के लिए अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना शुरू किया। वह इलेक्‍ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की एक बेहतर स्‍टूडेंट थी और जैसे ही उसने अपनी पढ़ाई पूरी की वैसे ही उसे एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिल गई। हालांकि इस नौकरी में सैलरी अच्‍छी थी लेकिन उसे ऐसा महसूस होता था कि वो इस जगह के लिए नहीं है। वह अपनी भावनाओं को नजरअंदाज करने की कोशिश करती थी लेकिन जल्‍द ही यह भावना उसके अंदर और अधिक होती चली गई। वह सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग से कहीं अधिक करना चाहती थी। अपने पड़ोसी से प्रेरित होकर जोकि पुलिस महानिदेशक थे, वह समझ गई कि उसे देश की मुख्‍य कार्यप्रणाली का अभिन्‍न बनने के लिए कुछ करना होगा। यहीं से उसकी UPSC की यात्रा शुरू हुई।

कृति एक साल तक अपनी नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी करती रही और अपने माता-पिता की जानकारी के बिना परीक्षा में बैठी। दुर्भाग्‍यवश, वह पास नहीं कर पाई और आखिरकार उसके माता-पिता को उसकी इच्‍छा के बारे में पता चल ही गया। वे यह जानकर चौंक गए कि उनकी बेटी अपना करियर केवल इसलिए बदलना चाहती है क्‍योंकि उसे यह लगता है कि वो इस काम के लिए नहीं बनी है। हालांकि यह भी उसे रोक नहीं पाया। उसने कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने के संकल्प के साथ शांति से सभी आलोचना और विरोध का सामना किया। एकबार परीक्षा देने के बाद कृति जान गई थी वो यह कर सकती है। अपनी नौकरी के साथ तैयारी करती रही, उसे अपनी तैयारी के साथ खुद पर भरोसा होने में दो साल लग गए। वह परीक्षा में बैठी और बेहतर तरीके से परीक्षा को पास किया।

जब उससे पूछा गया कि वो एक कौन सी महत्‍वपूर्ण चीज है जिसपर सभी उम्‍मीदवारों को अपना ध्‍यान लगाना चाहिए तो कृति ने जवाब दिया, “किसी को भी एक लूप में काम करना चाहिए। मेरे IT की भाषा के लिए मुझे माफ कीजिए लेकिन मैं ऐसे ही इसे सबसे बेहतर तरीके से बता सकती हूं। संशोधन -> अभ्‍यास -> विश्‍लेषण -> यह लूप चलते रहनी चाहिए। जब आप सीखते हैं और जानकारी हासिल करते हैं तो साथ ही हर एक टॉपिक या अध्‍याय का अभ्‍यास करना बहुत महत्‍वपूर्ण है और विषय या किताब के खत्‍म होने का इंतजार न करें। दूसरी चीज है आपने कैसे किया इस चीज का विश्‍लेषण करना, जिस क्षेत्र में आपको सुधार की जरूरत है उसको समझना। क्‍योंकि यदि आप सुधार नहीं कीजिएगा तो फिर अभ्‍यास करने का कोई फायदा नहीं है।

मेरे समय में, शायद ही कोई रिसोर्स थे जो यह करने में मेरी मदद कर सकते थे। मैंने कुछ प्रैक्टिस पेपर या टेस्‍ट सीरीज शुरू करने से पहले इस विशाल सिलेबस को पूरा किया क्‍योंकि इसमें एक बार में कई तरह के टॉपिक कवर हो जाते हैं। मुझे SprintUPSC को देखकर बहुत खुशी हुई जो स्‍टूडेंट्स को जब और जैसे वो चाहें, जितना वो चाहें उतना अभ्‍यास करने में मदद कर सकता है; इतने सारे टॉपिक या किताबों को पूरा पढ़ने की अब कोई जरूरत नहीं और ये आपके सामने कितने अच्‍छे विश्‍लेषण प्रस्‍तुत कर रहे हैं। इससे अधिक किसी को और क्‍या चाहिए!”