क्‍या UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए एक वर्ष काफी है?

यदि आप सोच रहे हैं कि क्या UPSC परीक्षा को केवल एक वर्ष की तैयारी के समय के साथ पूरा करना संभव है या 365 दिनों के भीतर इस तरह के एक विशाल पाठ्यक्रम को कैसे पूरा किया जा सकता है, तो आपको ऑड्रे हेपबर्न के एक उद्धरण के साथ शुरूआत करनी चाहिए, जिन्‍होंन बहुत ही सही कहा था, "कुछ भी असंभव नहीं है। क्‍योंकि शब्द खुद ही कहता है कि मैं संभव हूं।"

एक साल के भीतर IAS परीक्षा की तैयारी एकदम असंभव भी नहीं हैं। यदि सही राणनीति का पालन किया जाए तो इसको एक कठिन काम बनने से रोका जा सकता है अर्थात आप इसे आराम से पूरा कर सकते हैं। भले ही आपके पास तैयारी के लिए सालों हों लेकिन यदि आप लापरवाही से पढ़ते हैं तो UPSC में सफल होना दूर का सपना हो जाएगा। यहां कुंजी उचित समय प्रबंधन और दृष्टिकोण ही है।

अपनी तैयारी के पहले चरण में, आपको इसकी जांच के साथ शुरूआत करनी चाहिए कि आपके पास क्‍या-क्‍या चीजें हैं। आपनी पात्रता की जांच करें और उसके बाद परीक्षा के चरण और संचरना पर जाएं। एक बार जब आप UPSC परीक्षा के बारे में जाना जाएं तो सिलेबस पर जाएं। टॉपिकों और आवश्यकताओं को स्पष्ट रूप से समझना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप अखबार पढ़ने या करंट अफेयर्स के बारे में ताजा जानकारी रखने के आदि नहीं हैं तो आपको यह काम तुरंत शुरू कर देनी चाहिए।

बुनियादी चीजों को कवर करने के बाद, अब समय मुख्‍य तैयारी में लग जाने की है। मानक NCERT किताबों के साथ अपनी नींव तैयार कर प्रीलिम्‍स सिलेबस के साथ शुरूआत करें। आप UPSC प्रीलिम्‍स और CSAT के लिए अपनी तैयारी करते हुए अपने वैकल्पिक विषय को चुनें और अपने प्रीलिम्स या मेन्स के अन्‍य विषयों के पाठ्यक्रम के उन विषयों पर जोर दें जो आपके वैकल्पिक विषय के सिलेबस से मेल खाते हैं। जैसे-जैसे आप एक-एक करके टॉपिक को पूरा करते हैं, प्रैक्टिस टेस्‍ट देते रहें। उचित अभ्यास के बिना, तैयारी हमेशा अधूरी रहती है।

उसी तरह से निबंध लेखन का अभ्‍यास करते रहें जिस तरह से आप स्‍कूल में गणित का अभ्‍यास करते थे। लिखने की कला में महारत हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका पर्याप्त अभ्यास है। आपने जिन टॉपिक को पूरा कर लिया हो, आपने जिन करंट अफेयर्स को पढ़ लिया हो और उन टॉपिक पर आपनी राय के नोट्स तैयार करें।

ध्‍यान में रखने वाली एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण चीज यह है कि अध्‍ययन योजना पर अडिग रहें और प्रेरित होते रहें। आपको महसूस हो सकता है कि केवल उस विषय को पढ़े जिसे आप पसंद करते हैं या फिर सीधा पढ़ना बंद कर दें। ऐसे समय में यह बात याद रखें कि समय बीतता जा रहा है और एक वर्ष की कड़ी मेहनत आपको उस तरह की जिंदगी जीने में मदद कर सकती है जिस तरह की जिंदगी आप अपने बचे हुए वर्षों में जीना चाहते हैं।

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