यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है और उम्मीदवार को अगले चरण में जाने के लिए पहले चरण को पास करना जरूरी है। पहले यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा का आयोजन किया जाता है उसे पास करने के बाद उम्मीदवार यूपीएससी की मेन्स परीक्षा में उपस्थित होते हैं। उपस्थित होने वाले सभी छात्रों हेतु एक कट-ऑफ दिया जाता है जो यह निर्धारित करता है कि उम्मीदवार को फाइनल इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा या नहीं। विस्तृत परीक्षा पैटर्न निम्नानुसार है:
- प्रीलिम्स (वस्तुनिष्ठ): यह परीक्षा का पहला चरण है और आमतौर पर जून माह के आसपास आयोजित जाता ।
- मेन्स (लिखित) : जो लोग प्रीलिम्स पास कर लेते हैं वे परीक्षा (लिखित) के दूसरे चरण में बैठते हैं जो सितंबर-अक्टूबर के आसपास आयोजित किया जाता है।
- भेंटवार्ता/व्यक्तित्व परीक्षण: जो लोग मेन्स परीक्षा पास कर लेते हैं उन्हें मार्च-मई अवधि के दौरान साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा का सामना करना पड़ता है।
(A) UPSC प्रीलिम्स - वस्तुनिष्ठ और प्रकृति में क्वालिफाइंग
प्रीलिम्स परीक्षा में दो परीक्षाएं शामिल है जोकि एक ही दिन में एक के बाद आयोजित की जाती है। इनमें उम्मीदवार को बहु विकल्पीय प्रश्नों का जवाब देना होता है जिसमें उनके प्रत्येक गलत उत्तर के लिए निगेटिव अंक (1/3) दिए जाते हैं अर्थात 3 उत्तर गलत होने पर 1 सही उत्तर के बराबर अंक काट लिए जाते हैं।
परीक्षा |
समय सीमा |
कुल प्रश्न |
कुल अंक |
पेपर I: सामान्य अध्ययन
|
2 घंटे
|
100
|
200
|
पेपर II: GS (CSAT)
|
2 घंटे
|
80
|
200
|
(B) UPSC मेन्स
मेन्स परीक्षा में कुल नौ परीक्षा शामिल हैं जिसमें उम्मीदवार के मेरिट रैकिंग हेतु दो वस्तुनिष्ठ प्रकार के क्वालिफाइंग टेस्ट और सात वस्तुनिष्ठ एवं वर्णनात्मक परीक्षाएं शामिल हैं। इन सात परीक्षाओं का कुल अंक उम्मीदवार को मेरिट रैंक देगा जिसके बाद उनको व्यक्तिगत साक्षात्कार राउंड के लिए बुलाया जाता है। नीचे तालिका में परीक्षा के प्रकार के साथ अंकों के वितरण को दिखाया गया है:
परीक्षा प्रकार |
पेपर का नाम |
पेपर की प्रकृति |
समय सीमा |
अंक |
पेपर - A
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कोई भी भारतीय भाषा
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क्वालिफाइंग
|
3 घंटे
|
300
|
पेपर - B
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अंग्रेजी
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क्वालिफाइंग
|
3 घंटे
|
300
|
पेपर I
|
निबंध लेखन
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मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर II
|
सामान्य अध्ययन I
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर III
|
सामान्य अध्ययन II
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर IV
|
सामान्य अध्ययन III
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर V
|
सामान्य अध्ययन IV
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर VI
|
वैकल्पिक विषय I
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
पेपर VII
|
वैकल्पिक विषय II
|
मेरिट रैंकिंग सिस्टम
|
3 घंटे
|
250
|
कुल अंक
|
|
|
|
1750
|
(C) व्यक्तिगत भेंटवार्ता
इस भाग में, उम्मीदवार के सामान्य व्यक्तिव लक्षणों को देखा जाता है और शौक, सामान्य ज्ञान, रूचियों विभिन्न परीस्थितियों में कार्य योजना से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। आमतौर पर पूछे गए प्रश्न पेचीदा होते हैं और उम्मीदवार से स्मार्ट उत्तरों की अपेक्षा की जाती है जोकि पूरे विश्वास के साथ दिया जाना चाहिए।
परीक्षा प्रकार |
कुल अंक |
व्यक्तिगत भेंटवार्ता
|
275
|
फाइनल मार्कशीट में UPSC मेन्स परीक्षा + व्यक्तिगत भेंटवार्ता के अंक शामिल होते हैं। उम्मीदवारों के द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और यह IAS/IPS/IFS आदि जैसे अधिकारी बनने के विशाल लक्ष्य तक पहुँचने की दिशा में अंतिम कदम होता है।
परीक्षा के भाग |
कुल अंक |
UPSC मेन्स
|
1750
|
UPSC भेंटवार्ता
|
275
|
कुल योग
|
2025
|
UPSC की परीक्षा देना और पहले प्रयास में इसमें सफल होना एक ऐसी चीज है जो बहुत से उम्मीदवारों का सपना होता है। उम्मीदवार का बुनियादी ज्ञान अपेक्षित परिणाम पाने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है हालांकि लगातार प्रयास और कठिन परिश्रम UPSC प्रीलिम्स को पास करने की प्रमुख कुंजी है।
UPSC प्रीलिम्स परीक्षा का पहला चरण है जिसे दो भागों में बांटा गया है।
A.सामान्य अध्ययन - मेरिट रैंकिंग सिस्टम
प्रश्न के प्रकार |
प्रति प्रश्न अंक |
प्रति गलत उत्तर निगेटिव अंक |
Nप्रश्नों की संख्या |
कुल अंक |
बहु विकल्पीय प्रश्न (4 विकल्प)
|
2 अंक
|
0.66 अंक (1/3rd)
|
100
|
200
|
B.सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (सिविल सेवा अभिवृत्ति परीक्षा) (CSAT) – प्रकृति में क्वालिफाइंग (न्यूनतम 33% अंक)
प्रश्न के प्रकार |
प्रति प्रश्न अंक |
प्रति गलत उत्तर निगेटिव अंक |
प्रश्नों की संख्या |
कुल अंक |
बहु विकल्पीय प्रश्न (4 विकल्प)
|
2.5 अंक
|
0.82 अंक (1/3rd)
|
80
|
200
|
CSAT में 33% अंक लाना अनिवार्य है। सामान्य अध्ययन पेपर के कट-ऑफ ही यह निर्धारित करते हैं कि उम्मीदवार यूपीएससी मेन्स परीक्षा दे सकता है या नहीं। कुछ पहले से कवर टॉपिकों के अलावा मेन्स का सिलेबस और फॉर्मेट प्रीलिम्स से अलग होता है। प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी साथ-साथ ही करनी पड़ती है क्योंकि इन दोनों परीक्षाओं के बीच बहुत कम समय होता है।