UPSC परीक्षा चरण, पात्रता मापदंड एवं सिलेबस
परीक्षा चरण
सिविल सेवा परीक्षा के तीन चरण हैं। प्रवेश परीक्षा को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तौर पर जाना जाता है। उम्मीदार को मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए प्रीलिम्स पास करना ही पड़ता है। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवार जिन्होंने मुख्य परीक्षा पास कर लिया हो वे परीक्षा के अंतिम चरण में पहुंचते हैं जोकि व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) होता है।पात्रता मापदंड
उम्र: परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले वर्ष के 1 अगस्त को न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। सामान्य, ओबीसी, एससी/एसटी और दिव्यांगजन उम्मीदवारों के लिए अधिकतम उम्र क्रमश: 32, 35, 37 और 42 है।अवसर: सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों को अधिकतम क्रमश: 6 और 9 अवसर दिए जाते हैं। एससी/एसटी उम्मीदवार अपनी उम्र सीमा तक असीमित बार प्रयास कर सकते हैं। दिव्यांगजन उम्मीदवारों के मामले में, सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों को अधिकतम क्रमश: 6 और 9 प्रयास की अनुमति है, हालांकि दिव्यांगजन एससी/एसटी उम्मीदवार अपनी उम्र सीमा तक असीमित बार प्रयास कर सकते हैं।
शिक्षा: उम्मीदवार के पास भारत के केंद्र या राज्य विधानमंडल द्वारा निगमित किसी विश्वविद्यालय की या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के खंड 3 के अंतर्गत विश्विद्यालय के रूप में मानी गई किसी अन्य शिक्षा संस्था की स्नातक डिग्री अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिएा ऐसे छात्र जो अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठने वाले हैं या जिनके अंतिम वर्ष का परिणाम प्रतीक्षित है वे भी प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, उम्मीदवार को मेन्स परीक्षा के लिए आवेदन करने हेतु स्नात्मक डिग्री पास होने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
परीक्षा का सिलेबस
IAS परीक्षा के सिलेबस को भी परीक्षा की संरचना के अनुसार तीन भागों में बांटा गया है।प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं (जैसा कि पहले ही UPSC परीक्षा प्रारूप में बताया गया है) और प्रत्येक पेपर दो घंटे का होता है। सामान्य अध्ययन पेपर में भारतीय राजनीति, भारतीय अर्थव्यवस्था, इतिहास, भूगोल, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और करंट अफेयर्स सहित लगभग वे सभी विषय शामिल होते हैं जो स्कूल में पढ़ाए हैं। सीसैट पेपर में जो प्रश्न होते हैं वे तर्क और विश्लेषण आधारित प्रश्नों, गद्यांशों को समझना और निर्णय लेने में उम्मीदवार की योग्यता का मूल्यांकन करते हैं।
सामान्य अध्ययन के पेपर में सौ प्रश्न होते हैं और हर प्रश्न के दो अंक होते हैं, प्रत्येक गलत उत्तर पर 0.66 अंक कट जाते हैं। सीसैट के पेपर में अस्सी प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न के 2.5 अंक होते हैं; प्रत्येक गलत उत्तर पर 0.833 अंक कट जाते हैं। निर्णय आधारित प्रश्नों में आमतौर पर निगेटिव मार्किंग नहीं होते हैं। यदि प्रश्न को करने का प्रयास नहीं किया गया है तो कोई अंक नहीं कटता है।
सामान्य अध्ययन पेपर के सिलेबस में है:
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
- भारतीय और विश्व भूगोल: भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
- भारतीय राज्यतंत्र एवं शासन: संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे, आदि
- आर्थिक और सामाजिक विकास: सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहलें आदि
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैवविविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता की जरूरत नहीं है
- सामान्य विज्ञान
CSAT पेपर के सिलेबस में है:
- बोधगम्यता
- सम्प्रेषण कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशल
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक क्षमता
Bबुनियादि संख्याबोध (संख्याएं एवं उनके संबंध, विस्तार क्रम, आदि – दसवीं कक्षा का स्तर), डाटा की व्याख्या (चार्ट, ग्राफ, तालिका, डाटा पर्याप्तता आदि - दसवीं कक्षा का स्तर ।
मुख्य परीक्षा (मेन्स):
मुख्य परीक्षा में नौ पेपर होते हैं। भाषा के दो क्वालिफाइंग पेपर होते हैं – (क) कोई भी भारतीय भाषा (ख) बंग्रेजी भाषा। इन दोनों पेपर में पांच-पांच प्रश्न होते हैं – निबंध (100 अंक), गद्यांशों को समझना (60 अंक), संक्षेपण (60 अंक), अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद (40 अंक, प्रत्येक के लिए 20 अंक) और व्याकरण उपयोग (40 अंक)।
शेष सात पेपर (प्रत्येक 250 अंक के) नीचे दिए अनुसार होते हैं-
(प्रत्येक विषय के सिलेबस को संक्षेप में दिया गया है)
- पेपर 1- निबंध: उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वर्तमान, ऐतिहासिक और बहस वाले मुद्दों से संबंधित विभिन्न टॉपिक पर निबंध लेखन का अभ्यास करें।
- पेपर 2- सामान्य अध्ययन I (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास और भूगाल तथा समाज): इसमें भारतीय कला के रूप, संस्कृति और साहित्य, भारत का इतिहास शामिल होंगे। 18वीं सदी से विश्व इतिहास जैसे कि उपनिवेशवाद, साम्यवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, औद्योगिकी क्रांति आदि, भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएं, इसकी विविधता, महिलाओं की भूमिका एवं स्थिति और भूगोल।
- पेपर 3 - सामान्य अध्ययन II (शासन व्यवस्था संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध): संविधान की प्रमुख विशेषताएं, संविधान का इतिहास। भारतीय राजनैतिक एवं शासन प्रणाली की विशेषताएं, भारतीय राजनैतिक व्यवस्था, कार्यपालिक और न्यायपालिक की संचना, भारत की विदेश नीति, पड़ोसी देशों एवं अन्य देशों के साथ संधियां एवं संबंध।
- पेपर 4 - सामान्य अध्ययन III (प्रौद्योगिकी, जैव विविधता, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन): प्रौद्योगिकीय एवं वैज्ञानिक उपलब्धियां और भारत का विकास, आर्थिक योजना निर्माण और भारतीय अर्थव्यवस्था में इस्तेमाल की जारी अवधारणाएं, पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन एवं सीमा सुरक्षा।
- पेपर 5 - सामान्य अध्ययन IV (नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरूचि): नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता, मानवीय पहलू, नैतिक और राजनैतिक दृष्टिकोण, सार्वजनिेक और सिविल सेवा मूल्य और मुद्दे, लोक सेवा की अवधारणा।
- पेपर 6 एवं 7 – ये वैकल्पिक विषय (पेपर I) और वैकल्पिक विषय (पेपर II) पर आधारित हैं: उम्मीदवार को अड़तालीस विषयों की सूची में से पेपर चुनना पड़ता है जिसमें अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषा के साहित्य शामिल हैं।
साक्षात्कार या UPSC व्यक्तित्व परीक्षण (275 अंक) उम्मीदवार के मानसिक क्षमता और निजी उपयुक्तता के मूल्यांकन के लिए तैयार किया गया है। साक्षात्कार के लिए कोई सख्त सिलेबस नहीं है। साक्षात्कार लेने वाला उम्मीदवार के मानसिक और विश्लेषण की क्षमता का पता लगाता है। यह एक स्वाभाविक लेकिन निर्देशित और उद्देश्यपूर्ण बातचीत है।
कुलमिलाकर, UPSC कठिन लग सकता है लेकिन व्यवस्थित तरीके से सिलेबस को पूरा करना की इसकी कुंजी है और याद रखिए कि ज्ञान एक अथाह समुद्र है और जानने की कोई सीमा नहीं होती है। IAS परीक्षा की तैयारी से आप उस समुद्र की तिहाई या उससे भी कम पी पाएंगे।