UPSC के मिथकों को तोड़ें

जब बात UPSC परीक्षा की आती है तो हम अक्सर इससे जुड़े अफवाहों और मिथकों में उलझ जाते हैं। UPSC परीक्षा के बारे में कई गलत धारणाएं हैं जो योजना बनाते समय और इसके लिए तैयारी करते समय बाधा बन सकती हैं, जिससे उम्मीदवारों के मन में चिंता और भय पैदा होता है। यदि आपने कभी ऐसी दुविधाओं का सामना किया है, तो यहां आपके लिए कुछ जवाब हैं:

  • - UPSC परीक्षा केवल IAS, IPS और IFS सेवाओं के लिए है।  नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है! UPSC की परीक्षा में कई सारी सेवाएं कवर होती हैं जिनमें शामिल हैं अखिल भारतीय सेवाएं और केंद्रीय सेवाएं ग्रुप ए और बी, जैसे कि भारतीय वन सेवा, सेना कार्मिक सेवा, राजस्व सेवा, लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, डाक सेवा, रेलवे सेवाएं। UPSC परीक्षा के माध्यम से 2020 में लागू सेवाओं के लिए भर्ती की एक विस्तृत सूची हेतु आप UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और वहां पर दिए गए लिंक से नवीनतम नोटिफिकेशन PDF या परीक्षा अधिसूचना PDF डाउनलोड कर सकते हैं या विकिपीडिया पेज सिविल सेवा परीक्षा (इंडिया) पर भी देख सकते हैं।

  • - इसका कोई निश्चित सिलेबस नहीं है।  यह सोचना बिलकुल गलत है। UPSC परीक्षा का एक सिलेबस होता है जिसका वह सख्ती से पालन करता है। इसे UPSC की वेबसाइट पर भाग III (परीक्षा हेतु सिलेबस) के अंतर्गत परीक्षा अधिसूचना PDF में आसानी से पाया जा सकता है या फिर हमारे वेबसाइट के रिसोर्सेज सेक्‍शन - UPSC प्रीलिम्‍स सिलेबस से विस्‍तृत तालिका संस्‍करण में निकाला जा सकता है।

  • - आपको परीक्षा में उपस्थित होने के लए स्‍तनातक होना जरूरी है। अंतिम वर्ष की परीक्षा में उपस्थित होने वाले या अंतिम वर्ष के परिणाम का इंतजार करने वाले छात्र भी प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि उम्‍मीदवार को मुख्‍य परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए स्‍नातक डिग्री पास करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करना होगा। विस्‍तृत पात्रता मानदंड UPSC की आधिकारिक वेसाइट पर अंतर्गत परीक्षा अधिसूचना PDF में उपलब्‍ध हैं। आप हमारे रिसोर्सेज और ब्‍लॉग  सेक्‍शन में भी परीक्षा के चरण, पात्रता मानदंड और सिलेबस देख सकते हैं।

  • - अंग्रेजी में अच्‍छा होना अनिवार्य है। UPSC की परीक्षा में मेन्‍स में एक अनिवार्य अंग्रेजी भाषा का पेपर होता है लेकिन बाकी सभी पेपर आप अपने सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय भाषा में लिख सकते हैं। दिशा-निर्देशों को देखें।

  • - आप केवल तीन बार ही परीक्षा दे सकते हैं। यह बहुत बड़ी गलत धारणा है। सामान्‍य और ओबीसी उम्‍मीदवारों अधिकतम क्रमश: छह और नौ बार परीक्षा दे सकते हैं। एससी/एसटी उम्‍मीदवार अपनी उम्र सीमा का असीमित बार प्रयास कर सकते हैं। दिव्‍यांग उम्‍मीदार के मामले में, यदि वह सामान्‍य या ओबीसी है तो वे क्रमश: छह और नौ बार परीक्षा में बैठ सकते हैं जबकि दिव्‍यांग एससी/एसटी उम्‍मीदवार उम्र सीमा पूरी होने तक असीमित बार परीक्षा में बैठ सकते हैं। सामान्‍य, ओबीसी, एससी/एसटी और दिव्‍यांग उम्‍मीदवारों के लिए अधिकतम आयु क्रमश: बत्‍तीस, पैंतीस, सैंतीस और बयालीस साल है। विस्‍तृत जानकारी हेतु आप UPSC की आधिकारिक वेबसाइट, परीक्षा अधिसूचना PDF पर देख सकते हैं या UPSC परीक्षा चरण, पात्रता मापदंड और सिलेबस पर हमारा ब्‍लॉग पढ़ सकते हैं। .

  • - परीक्षा में कैलकुलेटर ले जाने की अनुमति नहीं है। वैज्ञानिक (गैर-प्रोग्रामेबल टाइप) कैलकुलेटर ले जा सकते हैं लेकिन केवल मेन्‍स परीक्षा में। UPSC प्रीलिम्‍स में कैलकुलेटर इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं है। सटीक दिशानिर्देश UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उनके द्वारा जारी अधिसूचना PDF में उपलब्‍ध हैं।

  • - उम्‍मीदवार को प्रीलिम्‍स पास करने के लिए अधिकतम संख्‍या में प्रश्‍नों का जबाव देना जरूरी है।  यह बहुत ही गलत कथन और सोच है। जिन प्रश्‍नों का आपको पक्‍के तौर पर जबाव मालूम नहीं है उनके जबाव देने से अंक कट सकते हैं, आपके अंक कम हो सकते हैं और परिणाम स्‍वरूप आपके रैंक नीचे हो सकते हैं। अनुमान लगाने की बजाए अपने ज्ञान और कौशल पर भरोसा करें जोकि काफी अभ्‍यास करने से ही आते हैं। मिथकों पर भरोसा मत करें और आपको अनुमानित उत्तर देना चाहिए या नहीं इसे सुनिश्चित करने हेतु UPSC अंकन योजना देखें।

  •  - किसी विषय में महारत हासिल करने में अधिक से अधिक किताबें पढ़ना मदद कर सकती है। किसी विषय या यहां तक कि किसी टॉपिक में महारत हासिल करने के लिए उम्‍मीदवार को बुनियादी बातों की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उनकी नींव मजबूत होनी चाहिए जिसे सलाह दिए गए मानक पुस्‍तकों से आत्‍मसात कर प्राप्‍त किया जा सकता है। इससे विषय / टॉपिक का व्यापक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है। जब आपको लगता है कि आपने उस विषय/टॉपिक को पूरा पड़ लिया है तो उस विषय पर दूसरी किताब पर जाने से बेहतर है कि उस समय और मेहनत को बचाएं और उन क्षेत्रों का विश्‍लेषण करने में वह समय लगाएं जहां आपको सुधार की और उनपर काम करने की जरूरत है। UPSC परीक्षा एक सर्वांगीण प्रदर्शन के बारे में है। केवल कुछ विषयों/टॉपिकों में महारत आपको आगे नहीं ले जा पाएगा।

  • - ऑनलाइन तैयारी पर्याप्त नहीं है। खैर, कोई भी आपके लिए इसका जवाब नहीं दे सकता क्योंकि यह एक व्यक्तिगत पसंद और आत्म-विश्वास, दृढ़ संकल्प और अनुशासन का सवाल है। हम जो आपको कह सकते हैं वो ये है कि आपके लिए जरूरी सभी जानकारियां और अभ्‍यास आपके घर में आपके हिसाब से आसानी से ऑनलाइन आपके लिए उपलब्‍ध हैं। तो उपलब्‍धता-वार, यह कोई मुद्दा नहीं है, आप पूरी तरह से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, टेस्‍ट दे सकते हैं और इस बात का पता लगा सकते हैं कि आप कहां पर खड़ें हैं और यहां तक कि AI विश्‍लेषण आपके UPSC परीक्षा की तैयारी के माध्‍यम से आपकी सहायता और आपका मार्गदर्शन करने हेतु आपके प्रदर्शन और आपकी तैयारी की पूरी जांच करता है। आप बस आएं और इसका फायदा उठाएं। असल में, SprintUPSC एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है जिसका लक्ष्‍य आपके ऑनलाइन तैयारी में सहायता करना है।