UPSC परीक्षा के लिए खुद से तैयारी की रणनीति

UPSC परीक्षा के लिए खुद की तैयारी या खुद से पढ़ाई करना तैयारी का एक तरीका है। जबकि कुछ लोग कहते हैं कि कोचिंग सही तरीका है तो कुछ लोग कहते हैं कि उम्‍मीदवार को खुद से पढ़ाई करनी चाहिए। खैर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्‍या चुनते हैं, स्‍व अध्‍ययन को दरकिनार करने का कोई तरीका नहीं है। यहां तक कि यदि आप कोचिंग जाते भी हैं तो भी आपको अपने स्वयं के अध्ययन, सीखने, अभ्यास, दोहराने आदि के लिए कुछ समय लगाना होगा। सफलता की राह कोचिंग सेंटर या स्‍व अध्‍ययन से होकर नहीं गुजरती है बल्कि यह एक अच्‍छी रणनीति, एक अच्‍छी तरीके से तैयार योजना, आपके अनुशासन तथा समर्पण और हां आपके कड़ी मेहनत से होकर गुजरती है।

इसलिए हमारा सुझाव है कि चाहे कोई भी राह हो लेकिन अपने खुद से तैयारी की रणनीति को तैयार रखें। यहां पर कुछ समाधान दिए गए हैं जोकि आपकी निजी तैयारी रणनीति को पूरा करने में सहायता कर सकते हैं:

- परीक्षा को जानें: अपनी पढ़ाई शुरू करने से पहले परीक्षा के बारे में रिसर्च कर लें और UPSC परीक्षा के बारे में आपको जिन जानकारियों की जरूरत है उनको इक्‍ट्ठा कर लें। परीक्षा के मापदंड, प्रारूप, प्रक्रिया और सिलेबस – वह सब जो आपको चाहिए और जो आपके लिए जरूरी है, सबकुछ जान लें। यह सुनिश्चित करने लें कि आप परीक्षा देने के लिए पात्र हैं और सभी आवश्‍यक पात्रता मानदंड को पूरा कर रहे हैं। आज की दुनिया में, सब कुछ आपकी उंगलियों पर या केवल कुछ बटन के क्लिक पर उपलब्‍ध हैं। आप सभी जानकारी एक जगह पर पाने के लिए हमारे रिसोर्स सेक्‍शन को देख सकते हैं।

- साधन और संसाधन इक्‍ट्ठा करें: जैसे ही आप UPSC परीक्षा के लिए क्‍या चाहिए इसको समझ लेते हैं वैसे ही उन सभी साधन और संसाधनों को इक्‍ट्टा कर लें जिसकी आपको परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरत पड़ेगी। इसमें सिलेबस की किताबें, पढ़ने वाली चीजों के सब्‍सक्रिप्‍शन, अभ्‍यास करने वाली चीजों के सब्‍सक्रिप्‍शन आदि शामिल हैं। इन सूचियों को पास में ही रखें और जरूरत के हिसाब से धीरे-धीरे खरीदना शुरू करें। आपको फिर से इसे बारे में काफी जानकारी हमारे बेसाइट के रिसोर्स सेक्‍शन में मिल जाएगी।

- अपनी तैयारी की योजना बनाएं: अब जबकि आप समझ गए हैं कि UPSC परीक्षा क्‍या है और इसको पास करने के लिए रिसोर्स भी हैं तो अब आपको केवल तैयारी करने की जरूरत है। कुछ भी अच्छा करने के लिए, इसकी योजना बनाना हमेशा एक अच्छा विचार होता है। आपने जिस तरह से UPSC परीक्षा देने की योजना बनाई है उसी तरह से अपनी तैयारी की भी योजना बनाएं। इसको काम करने लायक टुकड़ों में बांटें; आप कैसे और कब पढा़ई करेंगे, क्‍या और कहां से। यह योजना बनाना समय के भीतर अच्‍छी तरह से अपनी पढा़ई को पूरा करने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है और यह आपको UPSC परीक्षा में आसानी से सफलता पाने के लिए कुछ अतिरिक्‍त करने की गुंजाइश भी देता है।

- एक रूटीन (टाइमटेबल) बनाएं: जब योजना की एक बड़ी तस्‍वीर तैयार हो जाए तो आपको अलग-अलग विषयों और टॉपिक या हर रोज की योजना पर आएं। इसको करने का सबसे अच्‍छा तरीका यह है कि एक रूटीन तय करें, एक टाइमटेबल जिसमें यह साफ-साफ लिखी होनी चाहिए कि आपको क्‍या करना है और कब करना है। यह न केवल घबराहट से बचाव में मदद करता है क्‍योंकि आप जानते हैं कि आपके पास कुछ भी करने के लिए एक निर्धारित समय है बल्कि यह आपके शरीर और दिमाग के बीच बेहतर समन्‍वय बनाने में मदद करता है और इसके परिणाम स्‍वरूप आपकी प्रोडक्टिविटी और सीखने के रूप में बेहतर नतीजे सामने आते हैं। यह आपके शरीर और समय के बीच तालमेल को बनाने में मदद करता है जिसके फलस्वरूप आपके 'मूड' को सेट होने में कम ताकत या प्रयास लगता है और आपका मन काम करने के लिए प्रेरित रहता है।

- रूटीन का पालन करें : पहला कदम उठाना, तैयारी करना और अपनी रूटीन को एक पेपर या चार्ट पर डालना भी एक लंबी छलांग है। लेकिन यदि सावधानीपूर्वक पालन नहीं किया जाता है तो 'बनावटी' प्रयासों की तरह यह भी एक कचरे के डब्‍बे में जाकर खत्‍म हो जाएगा। रूटीन का पालन करने से तैयारी में आसानी होती है। जैसे ही आप कुछ समय के लिए रूटीन का पालन करते हैं तो यह एक सहज आदत हो जाएगी और जल्‍द ही आप UPSC परीक्षा या अन्‍य मामलों में जीवन के किसी भी परीक्षा की अपनी तैयारी को लेकर अधिक आश्‍वस्‍त हो जाएंगे।

- विषय/टॉपिक वार अध्‍ययन कार्यक्रम: हमारा सुझाव है कि आप प्रत्येक विषय के टॉपिक को कवर करने वाला साप्ताहिक कार्यक्रम तैयार करें। प्रत्‍येक सप्‍ताह के बाद स्थिति की समीक्षा करें और यदि जरूरी हो तो उसको अपडेट करें। बचे हुए समय में अपनी प्रगति की दोबारा जांच करें। यदि आपकी तैयारी सही दिशा में नहीं जा रही हो तो यह बहुत पहले ही आपको सचेत कर देगा और आपको हमेशा सही रास्‍ते में रखते हुए जरूरत के आधार पर आपकी तैयारी की गति को ठीक करने में सहायता करेगा। आप इस संबंध में सहायता पाने के लिए विषय रणनीति सेक्‍शन में जा सकते हैं।

- दोहराने और अभ्‍यास के लिए समय निर्धारित करें: जैसे ही आप कोई टॉपिक पूरा कर लेते हैं तो आपको उनको दोहराते और अभ्‍यास करते रहना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आपके कमजोर क्षेत्र को पहचानने में मदद मिलती है बल्कि आप अपने मजबूत क्षेत्रों में महारत हासिल कर सकते हैं।

- सही अभ्‍यास करें: क्या सही और गलत अभ्यास जैसा कुछ होता है? आपको जानकर आश्चर्य होगा, हां, ऐसा होता है! बहुत अधिक समय तक इंतजार मत कीजिए। क्‍या आपने एक टॉपिक, एक अध्‍याय पूरा कर लिया है? आगे बढ़ें और उसका अभ्यास करें। अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे होगा क्‍योंकि वहां पर उपलब्‍ध सभी मॉक टेस्‍ट और टेस्‍ट सीरीज लंबे या पुस्‍तक वार हैं, तो चिंता न करें, SprintUPSC एक विशेषज्ञ प्‍लेटफॉर्म हैं जो UPSC परीक्षा के लिए इस अनोखे मोड में आपको दोहराने और अभ्‍यास करने में मदद करता है। यहां पर आप किसी भी विषय का सिलेबस टॉपिक वार और साथ ही साथ पुस्‍तक-अध्‍याय वार अभ्‍यास कर सकते हैं। छोटे, मध्‍यम और पूरी लंबाई के टेस्‍ट तैयार कर आप अपनी गति से और अपने समय के हिसाब से अभ्‍यास करें। आप टेस्‍ट के लिए आसान, मध्‍यम और कठिन मोड भी चुन सकते हैं।

- विश्‍लेषण करें: विश्‍लेषण के बिना अभ्‍यास वैसा ही है जैसे स्‍टेयरिंग व्‍हील के बिना कार। आप चाहे जितनी जोर से एक्‍सीलेटर दबाएं, आप जितनी बार चाहें गीयर बदलें लेकिन दिशा में चूक होगी ही। हां! यह बात हमने पहले भी कही है और हम इस बात को बार-बार कहते जाएंगे क्‍योंकि यह इतनी महत्‍वपूर्ण बात ही है! आपने जो भी अभ्‍यास किया है वह आपको सही रास्‍ता दिखाएगा और आपको सफलता की राह में आगे बढ़ाएगा। 'विश्‍लेषण' का सबसे महत्‍वपूर्ण परिणाम होता है अपनी गलतियों को समझना ताकि आप उनको फिर से न दोहराएं। अधिकांश उम्मीदवार बहुत मेहनत करते हैं, सभी आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करते हैं लेकिन फिर भी अंतिम दौड़ में हार जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि उनको उस पतवार, उस दिशा की आवश्‍यकता होती है जिनको वे प्राप्‍त कर उनका इस्‍तेमाल कर सकें। विश्‍लेषण वह दिशा देता है।

- मूल बातों से शुरूआत करें: इससे आपकी नींव मजबूत होती है और आपको प्रत्येक विषय की व्यापक समझ मिलती है। कक्षा VI से XII तक की NCERT की किताबों से शुरूआत करें और उसके बाद अन्‍य मानक पुस्‍तकों को पढ़ें। जिन किताबों के बारे में बताया गया है उनके अलावा बहुत सी किताबें या नोट्स पढ़ने से बचें।

- करंट फेयर्स पर नजर बनाए रखें: यह आपको खबरों के साथ बने रहने में मदद करता है और सामान्‍य ज्ञान का एक अच्‍छा आधार भी तैयारी करता है। हालांकि यह यही पर खत्‍म नहीं होता। आपने जो पढ़ा है उन विभिन्‍न टॉपिक पर अपनी खुद की राय बनाना शुरू करें। याद रखिए, किसी चीज़ और उसके कारणों पर एक अच्छी और ठोस राय रखें। यह बहुत काम आता है वो भी खासतौर पर मेन्‍स और निजी साक्षात्‍कार में।

- अपने लक्ष्यों को साझा करने वाले साथियों के साथ जुड़े रहें: सामुदायिक शिक्षण और सहपाठी के साथ सीखना न केवल सीखने का एक शानदार तरीका है, बल्कि यह एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी वातावरण बनाने में भी मदद करता है। इसे ध्यान में रखते हुए, SprintUPSC अभिनव अध्ययन समूह और चर्चा मंच के साथ आया है जो न केवल आपकी तैयारी को आसान बनात है बल्कि मजेदार भी बनाता है! अपने दोस्तों को अध्ययन समूहों में आमंत्रित करें और उन्हें विषयों या पुस्तकों पर चुनौती दें। इन टेस्‍टों पर उनके साथ द्वंद्व करें और देखें कि आप एक दूसरे के सामने कहां खड़े हैं। व्यापक समुदाय की मदद लेने के लिए चर्चा मंच का उपयोग करें और अपनी शंकाओं का समाधान करें।