UPSC मेन्स के लिए वैकल्पिक विषय कैसे चुनें?
UPSC मेन्स के लिए वैकल्पिक विषय का चयन करने का प्रश्न हर उम्मीदवार को परेशान करता है। यह शायद तैयारी के रास्ते में पहली बाधाओं में से एक है जहां पर उम्मीदवार अटक जाते हैं।
उम्मीदवारों को केवल एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है जिसमें 250 अंक होते हैं और इसमें दो पेपर होने के कारण यह कुल 2025 में से 500 अंकों का हो जाता है। यह देखने में कम अंक लग सकते हैं लेकिन महत्वाकांक्षी सिविल सेवकों की रैंक निर्धारित करने में इसका अपना महत्व है। विद्यार्थियों को 48 विषयों की एक सूची में से एक विषय का चुनाव करना होता है। इस सूची में 25 साहित्य विषय और 25 गैर-साहित्य विषय शामिल हैं।
कोई विषय चुनने से पहले उम्मीदवार को निम्न कारकों पर विचार करना चाहिए:
a. व्यक्तिगत रूचि - केवल 'स्कोरिंग' या 'लोकप्रिय' के आधार पर किसी विषय को चुनने से बचने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि किसी की व्यक्तिगत रूचि जरूरी है क्योंकि सिलेबस बहुत बड़ा है और किसी ऐसे चीज को जोड़ना जो किसी को पसंद न हो वह एक अनावश्यक बोझ होता है।
b. विषय का सिलेबस - यदि उम्मीदवार कोई ऐसा विषय चुन लेता है जिसका सिलेबस दूसरे विषयों के मुकाबले बड़ा हो तो हो सकता है कि उनको इसे पूरा करने में परेशानी हो। ऐसे विषय को चुनना बेहतर होता है जिसका सिलेबस छोटा या मध्यम होता है।
c. शैक्षणिक पृष्ठभूमि - अगर किसी ने विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई की है तो वे मानव विज्ञान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, वनस्पति विज्ञान आदि जैसे विषयों को चुन सकते हैं। यदि किसी ने मानविकी विषय लेकर पढ़ाई की है तो वे इतिहास, राजनीति विज्ञान और साहित्य जैसे विषय ले सकते हैं; जबकि जिन्होंने वाणिज्यि से पढ़ाई की है वे अर्थशास्त्र या वाणिज्यि एवं अकाउंटिंग जैसे विषयों को चुन सकते हैं।
उपर दिए गए कारकों पर विचार करने के बाद, आपको चार या पांच विषयों को शॉर्टलिस्ट करनी चाहिए। इन विषयों में से चुनाव करते समय इस बात पर विचार करना चाहिए कि कौन सा विषय है जिसमें अच्छे अंक अर्जित किए जा सकते हैं और जो लोकप्रिय भी है। आपने जिन विषयों को चुना है उनमें से एक को चुनने के लिए आप उस विषय पर विचार कर सकते हैं जो उन लोगों के बीच लोकप्रिय रहे हैं जिन्होंने पहले से उच्च रैंक के साथ परीक्षा को पास किया है। मौजूदा उम्मीदवारों के बीच कुछ विषय इसलिए लोकप्रिय होते हैं क्योंकि इनको समझना आसान होता है जबकि कुछ अन्य इसलिए लोकप्रिय होते हैं क्योंकि उनको स्कूल में पढ़ा जा चुका होता है जोकि उन्हें आसान बना देता है।
ध्यान में रखने योग्य कुछ चीजें यह हैं कि उम्मीदवार को आंख मूंदकर प्रचलनों का अनुसरण करने या जो चल रह उसका अंधानुकरण करने से बचना चाहिए। कुछ उम्मीदवार अपने ग्रेजुएशन के विषय को अपना वैकल्पिक विषय चुनते हैं; कुछ उस विषय को चुनते हैं जो सामान्य अध्ययन के सिलेबस से मेल खाता है। हालांकि, ध्यान रखिए कि यह हमेशा जरूरी कारक नहीं होते हैं कि कोई इन्हीं चीजों से चिपके रहे। आखिरकार आंकड़े तभी मायने खते हैं जब आप उस विषय को लेकर सहज हों। यह धारणा कि यह एक आसान विषय है, गलत है क्योंकि आसान या कठिन अलग-अलग उम्मीदवारों की व्यक्तिगत आरामदायक स्थिति, काबिलियत, पृष्ठभूमि और रूचि पर निर्भर करता है। यह आपको अधिक उत्साहित करता हो और आपको अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित करता हो।